कृषको हेतु सलाह
भा.कृ.अनु.प.-सोयाबीन अनुसंधान निदेषालय, इन्दौर
आने वाले सप्ताह के लिए सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों के लिए कृषकों को निम्नलिखित सलाह दी जाती है ।
1. जिन क्षेत्रों में वर्षा हो गयी है वहां पत्ति खाने वाली इल्लियो के प्रकोप की संभावना है । इस स्थिति में किसानो को सलाह दी जाती है कि फसल में कीट भक्षी पक्षियों के बैठने के लिए “”बर्ड-पर्च”” एवं फिरोमेन ट्रैप लगाएं ।
2. मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार वर्षा हो रही है । ऐसी स्थिति में पत्ती खाने वाली इल्लियाँ पत्तियां न खाते हुए फूलो एवं छोटी फलियों को नुकसान करती है जिससे अफलन की स्थिति बनने की आशंका रहती है । किसान भाई अपनी फसल का सावधानी से निरिक्षण करें एवं सुनिश्चित करें कि उनकी फसल पर किसी प्रकार की इल्लियो का प्रकोप नहीं है ।
3. इल्लियो का प्रकोप दिखने पर सूक्ष्मजीव जेसे ब्वुवेरिया बेसिआना (फफुन्द) अथवा बेसिलस थूरिजिएन्सीस (बैक्टीरिया) अथवा न्यूक्लीयर पोलिहेडरोसिस वायरस आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें ।
4. उपरोक्त सूक्ष्मजीव आधारित कीटनाशक उपलब्ध न होने पर पत्ती खाने वाले कीड़ो के प्रबंधन के लिए रायनेक्सिपायर (क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल) 100 मी.ली./हेक्टेयर अथवा क्वीनालफास 1.5 ली /हेक्टेयर अथवा इन्डोक्साकार्ब 500 मी.ली./हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलकर छिडकाव करें ।
5. सफ़ेद मक्खी द्वारा फेलाया जाने वाला पीला मोजाइक रोग ग्रसित पोधो को खेत से बाहर निकालकर गाड़ दें । सफ़ेद मक्खियों की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. का 600 मी.ली. / हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें ।
6. सोयाबीन फसल में यदि चक्र भृंग का प्रकोप हो तो फसल पर ट्राईझोफोस 800 एम.एल./हेक्टेयर या थैक्लोप्रिड 650 एम.एल. / हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें ।
7. जिन क्षेत्रों में विगत दिनों में अतिवृष्टि के कारण खेतो में पानी भरा है अविलम्ब जल निकास की व्यवस्था करें एवं पानी को खेत में अधिक समय तक भरा न रहने दे ।
8. जिन क्षेत्रों में सूखे की स्थति बनी हुई है वहां फसल को बचाने हेतु कृषको को सलाह है कि वे संभव होने पर शीघ्रातिशीघ्र सिंचाई (फव्वारा/टपक/अन्य) करने की व्यवस्था करें । इसी प्रकार अन्य उपाय जेसे डोरा/कोल्पा/हस्त चलित हो आदि से अंत:कर्षण करें, जिससे मृदा नमी की हानि नहीं हो, साथ ही जेविक मल्च (सोयाबीन/गेंहूँ भूसा/ अन्य) उपलब्ध हो तो सोयाबीन कतारों के बिच मल्च 5 टन/हे. की दर से उपयोग करें ।
9. सोयाबीन की फसल जहाँ पर 15-25 दिन की हो गयी है वहां पर वर्तमान में खरपतवार नियन्त्रण आवश्यक है । खरपतवार नियन्त्रण अन्य विधियों या बोवनी के पश्चात् खड़ी फसल में उपयोगी खरपतवार नाशक (इमाझेथापीर / क्विझालोफाप इथाइल / क्विझालोफाप-पी-टेफुरिल / फिनोक्सीप्राप-पी-इथाइल 1 ली./ हे. या क्लोरिमुरान इथाइल दर 36 ग्रा./हे.) रसायनों का छिडकाव कर खरपतवार नियन्त्रण अवश्य रूप से करें ।
(वी.एस. भाटिया)
निदेशक
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